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Monday, 5 September 2016

…because (for me) that was not a JOB !

St. Mary’s School – Another beautiful chapter!

When you forget to collect your salary after leaving your job, that moment becomes a perfect realization of how much you’ve loved your work!


Well, yes I am talking about myself working as a school teacher (particularly a subject teacher previous year, for a very short period). I went there, I taught and when I left the job after completing my session, I thought about the lovely kids, about the staff out there, about my daily routine, about my subject which I was teaching, thought about the lesson plans as well (which I hardly followed!), thought about everything else and forgot about my salary.

Slowly, when I adjusted myself back into my earlier routine I found myself somewhere thinking about those little monsters but still I hardly had any thought related with my salary of last two months. One fine day when I went to an ATM to get little cash, I found my account was showing 975 rupees to me. I had one bad expression on my face that, “my goodness! I am not left with even a thousand rupee note in my life!!” and then I thought about all the options from where I could get the money! This was the moment when I thought about my salary.

Tuesday, 9 February 2016

घोंचू का भेलेनटाईन डे उर्फ प्रेम उर्फ बसंत पंचमी का ऐतिहासिक दिन #1

घोंचू ने किशोरावस्था में ‘गुनाहों का देवता’ पढ़ी थी| उसे रूमी का काव्य भी पसंद है | वह भावुक नहीं है | वह भावुकता की बौद्धिक स्वीकृति है | उसने किशोरावस्था में ही प्रण लिया था कि वह एक न एक दिन महान प्रेमी होगा | आज घोंचू युवा है | मतलब, युवा से थोड़ा आगे बढ़ गया है पर है युवा ही | दरअसल मामला ‘समझदारी’ का है | वो अपने हमउम्र लोगों से ज्यादा समझदार था इसलिए जब उसके दोस्त प्यार में थे उस समय घोंचू का मानना था कि वे सब ‘टटके इश्क’ में हैं | (टटका इश्क यानी कि चलताऊ इश्क) | इसी बीच उसकी उम्र थोड़ी - सी आगे खिसक गई पर उसे युवा राजनीतिज्ञ की तर्ज़ पर युवा ही माना जाएगा | बहरहाल, अब घोंचू प्रेम में है |

जी हाँ, प्रेम करता है वो हसीना से, सच्चा वाला | घोंचू अपनी कल्पना में उसे ‘स्वप्नप्रिया’ बुलाता है| यह नाम उसे प्रेम से और भी ज्यादा जोड़ देता है | मामला यह कि घोंचू हसीना से प्यार करता है|

बस यही है न दिक्कत !! जैसे ही कहा कि वो प्यार करता है वैसे ही आप समझने लगे की घोंचू के शरीर में हार्मोनल चेंज हो रहा है | यहीं तो धोखा खा गया इण्डिया | आप समझे नहीं ! दरअसल घोंचू इन सबसे बहुत ऊपर है | वो हार्मोनल चेंज से सर्वथा परे है | घोंचू को अगर हसीना पर सच्चा वाला प्यार न आया होता तो घोंचू पूरा जीवन सेक्स से परे रह कर साधना करता | ऐसा उसने कभी तय किया था | यह मजाक वाली बात नहीं है | यह बात उसने दोस्तों की महफ़िल में ताल ठोक के कई-कई बार कही है | पर हर बार वह चालाकी से हसीना का नाम छुपा लेता था | आप समझ रहे हैं न, उसके पास मौके की परख भी है |

उसने यह भी सोच कर रखा है कि जिस दिन वह हसीना से अपने प्रेम को जाहिर करेगा इस बात का ज़िक्र ज़रूर करेगा कि अगर वो उसे न दिखी होती तो वो उम्र भर घटिया इश्किया टाइप फ़िल्मी बात में नहीं पड़ता | खामख्वाह वाला ‘किस’ करके खुश होने वाला घटियापन उसे कतई बर्दाश्त नहीं|

Saturday, 23 January 2016

The Despair

'Soul-mate' Art piece (Artist - Unknown),  Photo - Preeti Tiwari

मुझे नहीं हासिल करना किसी का प्यार जीवन में,
प्यार हासिल करना कभी लक्ष्य नहीं हो सकता,
वह होता है,
मिलता है,
टाइम फ्रेम में उसे पाना नहीं होता..

भरपूर दोस्त,
भरपूर लम्हें,
भरपूर ज़िंदगी,
जिया,
भरपूर जिया,
पर खुद से हासिल क्या !

मेरे हासिल अलग थे,
मेरे हासिल अलग हैं,
बस बैठना है सुकून से अपने दोस्तों के साथ,
फिर धीरे से छेड़ना है उनमें से किसी को मुस्कुराते हुए,
फिर मजाक उड़ा कर तालियाँ बजा कर हँसना है,
फिर पड़ने वाली मार के डर से तेज़ी से उठ के भागना है,
और
फिर धीरे से भूल जाना है कि वो पल तब्दील हो गया है बचपन वाली मारम-पिट्टी के खेल में|